खोया है खुद को या तुम्हे पाया है ,
दिल की गहराईयों से तुम्हे अपनाया है..
इस कदर की है उल्फत हमने, क़ि खुद को हर एक ज़र्रे और कतरे कतरे पर से मिटाया है..
और हर एक पहर पर दिल ने सिर्फ तेरा नाम लिखवाया है..
फिर आज हम यहीं सोचते है की..
खोया है खुद को या तुम्हे पाया है ???

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